जानलेवा प्लास्टिक डोर बेचने और उड़ने वालों पर वालों पर पुलिस हुई सख्त 307 की लगाई धारा
खन्ना।स्टेट समाचार।घनविन्दर ढिल्लों
जानलेवा प्लास्टिक डोर की बिक्री को रोकने को लेकर पुलिस की सख्ती के बावजूद भी बिक्री पर पूरी तरह से कंट्रोल ना हो पाने के चलते अब खन्ना जिला पुलिस ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। पुलिस ने पहली बार दो मामलों में जानलेवा प्लास्टिक डोर बेचने वालों के खिलाफ धारा 307, 308 के साथ वाइल्ड लाइफ प्रोटक्शन एक्ट और एनवायरमेंट प्रोटक्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। जिससे जानलेवा प्लास्टिक डोर बेचने वालों में हड़कंप सा मच गया है।
पहला मामला खन्ना का है जहां पुलिस ने चार युवकों जिनमें अमित कुमार निवासी गुरुचरण एवन्यू, नीरज मैनरो निवासी न्यू बैंक कालोनी और सिमरनप्रीत सिंह निवासी बिल्ला वाली छप्पड़ी और जशनदीप सिंह निवासी माडल टाउन को गिरफ्तार कर जानलेवा प्लास्टिक डोर के 65 गट्टू बरामद किए थे। इस मामले में पुलिस ने चारों पर पुलिस ने धारा 336,188 अलावा वाइल्ड लाइफ प्रोटक्शन एक्ट की धारा 51,39 के साथ साथ एनवायरमेंट प्रोटक्शन एक्ट की धारा 15 के तहत केस दर्ज किया था। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर एक दिन का रिमांड हासिल किया गया था। जहां आज कोर्ट में पेश करने से पहले जानलेवा प्लास्टिक डोर की चपेट में आकर घायल हुई बुजुर्ग की शिकायत पर चारों के खिलाफ धारा 307 की बढोतरी कर दी गई। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से कोर्ट ने दो दिन का रिमांड दिया है।
दूसरे मामले में दोराहा में खूनी डोर की चपेट में आकर घायल हुई युवती शुभनीत कौर मामले में पुलिस ने धारा 308 के तहत अज्ञात पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उधर मामला दोराहा का है जहां मैकड़ोनाल्ड में काम करती 19 साल की शुभनीत कौर निवासी मधु मांगट वाली गली अपनी ड्यूटी खत्म कर स्कूटी पर अपने घर की तरफ आ रही थी, जैसे ही वह टेंपो यूनियन दोराहा के पास सर्विस रोड पर पहुंची तो अचानक एकदम से उसके गले में पतंग की चाइना डोर फंस गई जिसमें उसकी गर्दन बुरी तरह से कट गई थी। राहगीरों ने उसे पहले दोराहा के एक निजी अस्पताल में पहुंचाया जहां उसकी हालत नाजुक देखते हुए उसे लुधियाना के अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। जहां सुभनीत कौर के गले की सर्जरी की गई है। पुलिस ने इस मामले में पीड़ित के बयानों पर धारा 308, 188, 427 के तहत अज्ञात पतंग उड़ाने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
डीएसपी पायल हरसिमरत सिंह ने बताया कि मामले में जो धाराएं लगाई गई हैं वह नॉन बेलेबल है। अगर पतंग बेचने वाले ना बाज आए तो आगे से ज्यादा सख्ती बरती जाएगी।