सरकारी बैंकों में हड़ताल से उपभोक्ता हुए हलकान दूसरे दिन भी बनी रही समस्या बैंकों के निजीकीण का है विरोध
- Deepak Singh
- Mar 17, 2021

सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में दूसरे दिन भी हड़ताल के रहने से आम उपभोक्ता खासे हलकान दिखे। बैंकों की नौ कर्मचारी और अधिकारी यूनियनों के संयुक्त मंच ने दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। सरकारी बैंकों में हड़ताल से ग्राहकों को नकदी निकालने, धन जमा करने, चेक क्लीयरेंस और प्रेषण सेवाओं में परेशानी का सामना करना पड़ा। नौ बैंक यूनियनों के संयुक्त मंच ‘यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू)’ ने 15 और 16 मार्च को बैंकों में हड़ताल का आह्वान किया है। इन यूनियनों ने सोमवार को कहा कि बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उन्होंने अपनी हड़ताल को सफल बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021- 22 के बजट भाषण में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है। बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेची गई। इसके अलावा 14 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय भी किया गया है। आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेशन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा, हड़ताल के आह्वान पर बैंकों के कर्मचारी और अधिकारियों ने हड़ताल में भाग लिया। उन्होंने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया। हड़ताल के कारण सामान्य बैंकिंग सेवायें प्रभावित रहीं।